अनंत की ओर

प्रत्येक वस्तु चाहे वह सजीव हो या निर्जीव, उन्हें चलना ही है। उन्हें विश्र्व ब्रह्माण्ड की चा-नाभि से चलना है और फिर वहीं पहुंचना है। इस यात्रा में प्रत्येक मनुष्य को यह स्मरण रखना है कि उसे बाह्य जगत, भौतिक परिवेश और अन्तर्जगत, अन्तः प्रेरणा के बीच सन्तुलन बनाते हुए चलना है। उसे यह बात […]

श्रीमद्भागवत में रहस्यवाद

अतः यह सिद्घ होता है कि “भागवत’ के सत्संग-संवाद प्रायः रहस्यात्मक एवं तत्व परक ही हैं। निश्र्चित रूप से इसके समाधि-योग में सगुण-ध्यान का ही निर्देश किया गया है, यही स्थान सत्संग-सेवाओं का है, जिसमें लीलाचरित पहले है, तत्व-जिज्ञासा बाद में। सगुण-रूप ध्यान सिद्घ होने पर मन उसमें स्थिर होता है, तथापि “भागवत’ में यह […]

राजनीति की बिसात पर मोहरा बना सिंगूर

टाटा की लखटकिया कार “नैनो’ का भविष्य अधर में लटक गया है। एक तो किसी भी कीमत पर यह अपनी पूर्व घोषणा के समय पर बाजार में लांच होने की स्थिति में नहीं है। दूसरे अगर भविष्य में कभी यह लॉंच होगी भी तो इसका श्रेय लगता है प. बंगाल के हिस्से में न जाकर […]

कितना सफल है पूर्व विद्रोहियों के लिए पुनर्वास पैकेज

वर्ष 1985 को असम के इतिहास का एक निर्णायक वर्ष माना जाता है। इसी वर्ष केन्द्र सरकार और अखिल असम छात्र संघ (आसू) के बीच ऐतिहासिक असम समझौता हुआ था। इससे पहले अवैध विदेशी घुसपैठियों को राज्य से बाहर निकालने के लिए आसू के नेतृत्व में छह वर्षों तक असम आंदोलन चलाया गया था। समझौते […]

चिरंजीवी अभिनय!

सिर्फ हिंदी फिल्मों के ही नायक-सुपरस्टार, शहंशाह और किंग के तमगों से गुलजार नहीं हैं। साउथ की फिल्मों में भी सुपरस्टार होते हैं। चिरंजीवी भी ऐसे ही एक जाने-पहचाने तेलुगू सुपरस्टार हैं, जो अब अभिनय से इतर एक नए मुकाम का दम भर रहे हैं। यह है राजनीतिक मुकाम। आंध्रप्रदेश के राजनीतिक हलकों में इन […]

मंगल का प्रभाव व्यक्ति को यथार्थवादी बनाता है

स्त्री जातक – इनका शारीरिक गठन अति सुन्दर होता है। इनकी बादाम जैसी आँखों में चुम्बकीय शक्ति होती है तथा लम्बी नाक, मनोहर रूप, साफ रंग तथा सुन्दर बाल होते हैं। ये बुद्घिमान होती हैं तथा इनमें उत्साह, शक्ति एवं ओजस्विता पायी जाती है। इनमें हर वस्तु के प्रति लालसा होने के बावजूद जिद्द एवं […]

सहज कविता का धरातल

पुस्तक : हादसों का शहर कवि : वीरेन्द्र सिंह गूम्बर प्रकाशक : जनता प्रकाशन, नई दिल्ली मूल्य : एक सौ रुपया मात्र। वीरेन्द्र सिंह गूम्बर कवि भी हैं और कहानीकार भी हैं। “हादसों का शहर’ उनकी काव्य-कृति है, जिसकी पृष्ठभूमि में भारत की राजधानी दिल्ली है। महानगर के जीवन का सबसे बड़ा यथार्थ अगर कुछ […]

अथ श्री भीड़ महात्म्य

बंधुओं… वह क्या है कि अपने भारत महान को यदि थोड़ा गंभीरता से ताड़ें, तो एक सच आसानी से पा जाएँगे कि अपना इंडिया दि ग्रेट एक “भीड़ प्रधान’ देश है। जरा निज नैनन से बिलोकें, तो इस सत्य के दर्शन कमजोर से कमजोर दृष्टि वाले को, गंभीर से गंभीर नंबर का चश्मा धारण करने […]

साप्ताहिक धारावाहिक

चौदहवें दिन भव्य समारोह का आयोजन किया गया। काजी ने कुरान देखने के बाद सुल्तान से बच्ची का नाम रखने को कहा। कुली ने उसका नाम रखा हयात ब़क्शी यानि जीवन देने वाली। इस नाम का मतलब ईश्र्वर या अल्लाह नहीं बल्कि इसका मतलब है कि वह जो अपने सम्पर्क में आने वाले हर इंसान […]

वोट-बैंक एवं विदेशी निवेश का मोह ले डूबेगा विकास को

महंगाई के मुद्दे पर सरकार लगातार समन्दर में गोते लगा रही है। विश्र्व बा़जार में तेल के मूल्य में वृद्घि होने पर सरकार ने उपभोक्ता का बोझ बढ़ाने की बजाए सरकारी तेल कंपनियों को आदेश दिया कि वे तेल के मूल्य को पूर्ववत् बनाये रखें। तेल कंपनियों को विश्र्व बा़जार से महंगा तेल खरीद कर […]

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