समझौता आखिर समझौता है

समझौता किसी एक विषय-बिन्दु पर हुई दो पक्षों के बीच सहमति का नाम है। यह सहमति भी संभव तभी हो सकती है जब समझौते में दोनों पक्षों के हित समान हों। कोई एक पक्ष अपनी शर्तों पर अगर समझौता करना चाहता हो तो दूसरा पक्ष उसे तभी स्वीकार कर सकता है, जब वह इस कदर […]

महंगे तेल से विश्र्व अर्थव्यवस्था को खतरा नहीं

अंतर्राष्टीय मुद्रा कोष जैसी संस्थाओं द्वारा कहा जा रहा है कि तेल के मूल्यों में भारी वृद्घि विश्र्व अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। यह बात भ्रामक है। वास्तव में यह मूल्य वृद्घि भारत समेत दूसरे विकासशील देशों के लिए लाभकारी है। विश्र्व अर्थव्यवस्था को एक परिवार सरीखा समझें। मान लीजिए, परिवार का कर्ता बच्चों को […]

टिप्पणी

हसरत मोहानी के बारे में फिरा़क गोरखपुरी ने कहा था कि वो नयी ग़जल के संस्थापक हैं। स्वतंत्रता सेनानी व राष्टवाद के घोर समर्थक होने के बावजूद प्रगतिशील धारा से उनका संबंध रहा है। सबसे खास बात यह है कि वे एक शायर के रूप में सौंदर्य और प्रेम की अनूठी अभिव्यक्ति रखते थे, जिसको […]

इक्कीसवीं सदी

नई सदी के कर्णधार… नई पीढ़ी के पथप्रदर्शक और बड़े विद्वान, इक्कीसवीं सदी को स्वागतम् कहने वाले… अंतिम सत्र के लिए फिर एकत्रित हो गये। यों लग रहा था, जैसे एक विशाल मरुस्थल के फफोलों से पीड़ित यात्रियों का एक थका-हारा काफिला एक लंबी यात्रा के बाद अपने गंतव्य तक पहुंचने वाला हो। सत्र का […]

ज्ञानोदय

“”मैं अजर हूँ, अमर हूँ, अक्षय, अविनाशी, परम प्रकाश हूँ, इस धारणा की पूर्ण पुष्टि को वैराग्य कहा जाता है। सांसारिकता का मोह नष्ट हो जाय, यही वैराग्य है।” पाठशाला “”मस्तिष्कीय ज्ञान विकास एवं धारणा परिपक्व करने के लिए अध्ययन-अध्यापन की आवश्यकता पड़ती है। आवश्यक नहीं कि वह पुस्तकों के आधार पर ही अर्जित किया […]

धर्म का मर्म समझे सो ज्ञानी

धर्म का तत्त्व गुहा में छिपा हुआ है, यह इसलिए कहा गया है कि धर्म का वास्तविक रूप उसके तत्त्व का ज्ञान गहरे ध्यान में ही होता है। धर्म को जिस अर्थ में हमारी पूरी परम्परा में प्रयोग किया गया है, उसे नकारते हुए लोग उसे संकुचित अर्थ में आचार मात्र में प्रयोग करते हैं। […]

अब बदलेंगे फूलों के रंग

सौ वर्ष पहले जब चेकोस्लोवाकिया के एक गांव के पादरी ग्रेगोर मेंडल ने फूलों वाली मटर में संकरण करके तरह-तरह के रंग वाले फूल पैदा किए एवं वंशगति के नियम बनाकर आनुवंशिकी की नींव रखी, तब उन्हें क्या पता था कि इसी आनुवंशिकी के गर्भ से उपजी बायोटेक्नोलॉजी फूलों के रंग बदलने में माहिर हो […]

आरुणि

आरुणि धौम्य ऋषि का अत्यंत आज्ञाकारी शिष्य था। एक बार गुरु ने उसे रात में खेत में पहरा देने भेजा। उसने देखा कि खेत की मेड़ टूटने से उसमें पानी भीतर आ रहा है। उसे और कोई उपाय न सूझा तो बहते पानी को रोकने के लिए स्वयं ही मेड़ बनकर लेट गया। यही गुरुभक्त […]

श्राद्घ का सही स्वरूप

पर्व युगों से चली आ रही सांस्कृतिक परंपराओं, प्रथाओं, मान्यताओं, विश्र्वासों, आदर्शों, नैतिक, धार्मिक तथा सामाजिक मूल्यों का वह प्रतिबिंब है, जो जन-जन के किसी एक वर्ग अथवा स्तर विशेष की झॉंकी प्रस्तुत नहीं करते, अपितु असंख्य जनता के अदम्य जीवन और जीवन के प्रति उत्साह का साक्षात् एवं अन्तःस्पर्शी आत्म-दर्शन कराते हैं। इसके अलावा […]

कपिल मुनि की तप-स्थली है कौल

हरे-भरे वनों तथा शांत प्राकृतिक वातावरण के चलते हरियाणा प्रदेश ऋषियों व मुनियों की तप व साधना स्थली रहा है। यहां महर्षि वेदव्यास, कश्यप, विश्र्वामित्र, वशिष्ठ, गौतम, पाराशर, अत्री व कपिल मुनि सहित अनेक ऋषियों ने तपस्या की है। कैथल जनपद का एक प्राचीन तीर्थ-स्थल है, कील। यह स्थल कपिल मुनि से संबंध रखता है। […]

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