नीली तितलियों का शिकार

अधिक उम्र का होने के कारण हो – वानकी कुछ ही दूर तक तेज चल पाया, फिर टकों के बीच जाकर रुक गया। थोड़ी देर रुक कर जल्दी-जल्दी फेफड़ों में हवा भरने लगा। कुछ सुस्ताने के बाद वह छड़ी के सहारे आगे चल पड़ा। उसने रेडाॉस के सुर्ख निशानों वाले टकों की ओर देखा। टकों […]

खाली आरक्षित सीटें सामान्य को दें

देश के विभिन्न आईआईटी और आईआईएम संस्थानों में अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों में से 432 सीटें अब भी खाली पड़ी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद इन सीटों को सामान्य श्रेणी के छात्रों को आवंटित नहीं किया गया है। गौरतलब है कि 10 अप्रैल 2008 के अपने निर्णय […]

ईमानदार राजनीति ही लड़ सकती है आतंकवाद से

भारत का शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व और विपक्ष भी आतंकवाद के मुद्दे पर भ्रमित दिखता है। हालॉंकि अब घटित होने वाली आतंकी घटनाओं की जिम्मेदारी “इंडियन मुजाहदीन’, जिसे प्रतिबंधित सिमी के ही एक धड़े का उत्पाद माना जा रहा है, अपने ऊपर ले रहा है। साथ ही हमारी जॉंच एजेंसियॉं भी इसी सूत्र को हाथ में […]

हमारा विचारमंडल

मूल में सब कुछ एक है, कुछ भी भिन्न नहीं है। भिन्नता तो बाहर दिखायी देती है, परिधि में दृष्टिगोचर होती है। इसी कारण वेदांत कहता है- अयमात्मा ब्रह्म अर्थात मैं ही ब्रह्म हूँ। एक ब्रह्म के अलावा कुछ भी सत्य नहीं है और शेष सब कुछ इसकी अभिव्यक्ति ही है। इसी कारण हमारी संस्कृति […]

करुण पुकार में है अद्भुत शक्ति

उपासना का अर्थ है- परमेश्र्वर के पास बैठना। हम जब अपनी शुद्घ भावनाओं को पूर्ण श्रद्घा के साथ अपने ईश्र्वर को अर्पित करते हैं तो वह उपासना कहलाती है। इस प्रकार ईश्र्वर का ध्यान करके एवं प्रार्थना करके हम उसके समीप हो जाते हैं। ईश्र्वर के पास पहुंचने के लिए जो िाया हम अपनाते हैं, […]

यह मधेश विरोधी मानसिकता का परिचायक है

पड़ोसी नेपाल का वर्तमान घटनाचा भारत सहित दुनिया भर के लिए हैरत का विषय बना हुआ है। तीन महीने के राजनीतिक गतिरोध के बाद किसी प्रकार राष्टपति, उपराष्टपति एवं संविधान सभा सह संसद के सभापति का चुनाव हुआ और उसके बाद फिर उपराष्टपति के धोती-कुर्ता पहनकर हिन्दी में शपथ लेने के विरुद्घ हिंसक आंदोलन आरंभ […]

मुशर्रफ की विदाई

अंतिम दम तक महाभियोग का सामना करने का दम भरने वाले पाकिस्तान के राष्टपति परवे़ज मुशर्रफ ने अंततः अपने हथियार डाल दिये। राष्टपति पद से दिया गया उनका इस्तीफ़ा पाकिस्तान की लोकतांत्रिक सरकार की विजय मानी जाएगी। क्योंकि 1999 में मुशर्रफ ने ऐसी ही एक लोकतांत्रिक सरकार को एक रक्तहीन सैनिक कार्यवाही के जरिये अपदस्थ […]

देशद्रोहियों को सरकार स़जा दे या देश-निकाला दे

पीडीपी नेत्री महबूबा मुफ्ती ने मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान) कूच की बात कर कश्मीर के लोगों को उकसाया तथा कूच का आठान कर देशद्रोह का काम किया है। हम सरकार से मॉंग करते हैं कि महबूबा मुफ्ती और इस तरह जो दूसरे नेता जनता को सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं, उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलावे […]

व्यवस्था की उभरती हुई विसंगतियां और बेबस न्यायालय की लाचारगी

7 अगस्त के “मिलाप’ का संपादकीय- “सच्चाइयों का आईना’, पढ़कर मन विक्षुुब्ध हो उठा। शायद ही किसी देश के सर्वोच्च न्यायालय को ऐसी टिप्पणी करनी पड़ी हो कि इस देश को भगवान भी नहीं बचा सकता। जरा कल्पना कीजिए, हमारे उच्च न्यायालय के समर्थ न्यायाधीश महोदय के विवशता की, जिन्हें सरकार के निकम्मेपन व अकर्मण्यता […]

चाय उद्योग का संकट

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत में चाय उद्योग ने जहॉं देश की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है वहीं भारी तादाद में लोगों को रोजगार भी मुहैया करवाया है। इस बात को असम के चाय उद्योग के उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। असम में तकरीबन एक […]

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