यकीन मानिए मेरे पास बहुत पैसा नहीं है

लंदन के बिग ब्रदर में विजेता होकर अब दुनिया भर में अपने लिए नए मुकाम तलाश रही शिल्पा शेट्टी से यदि अब आप पूछें कि विजेता बनना और दुनिया भर में लोकप्रियता कमाने का मतलब क्या होता है, तो वे सिर्फ मुस्कुरा भर देंगी। वे जानती हैं कि जीत सिर्फ आदमी को विजेता ही नहीं […]

पुलिस में जाना चाहती थी राजश्री ठाकुर

धारावाहिक “सात फेरे’ से छोटे परदे पर छा जाने वाली सलोनी यानी राजश्री ठाकुर को पुलिस की नौकरी खूब भाती थी। वे बताती हैं, “खाकी वर्दी के प्रति बचपन से ही मेरा एक खास लगाव था। मैं उन दिनों आईपीएस बनना चाहती थी। मॉं-बाबूजी भी यही चाहते थे। इसलिए ग्रेजुएशन के बाद एलएलबी किया था।’ […]

खिलाड़ी बनते राजीव खंडेलवाल

फिल्म “आमिर’ के बाद बड़े परदे पर भी खासे लोकप्रिय हो चुके छोटे परदे के अत्यंत चर्चित अभिनेता राजीव खंडेलवाल खेलों के प्रति एक खास दीवानगी रखते थे। वे कहते हैं, “लड़कियों पर अपना प्रभाव छोड़ने के लिए एक सुंदर चेहरे की ़जरूरत पड़ती है और शरीर स्वस्थ रखने के लिए जिम्नाजियम इज ए मस्ट। […]

मैनेजर बनना चाहती थी मंदिरा

मंदिरा बेदी की मानें तो बैंक मैनेजर से सम्मानजनक नौकरी कोई नहीं होती है। मेरे परिवार के कई लोग कॉर्पोरेट की दुनिया में काम करते हैं, इसलिए वहॉं जाना मेरे लिए बहुत आसान था। मगर जल्द ही में समझ गयी कि उतनी अक्ल मेरी नहीं है। कई जगह कोशिश करने के बावजूद बैंक की नौकरी […]

डिजाइनर आमना शरीफ

“कहीं तो होगा’ की कशिश यानी आमना शरीफ की लोकप्रियता अब भी बदस्तूर कायम है। इस धारावाहिक में उनके डेस सेंस की जमकर तारीफ हुई थी। आमना कहती हैं, “फैशन डिजाइनिंग मेरी पहली पसंद है। कभी मौका लगते ही कागज पर तरह-तरह के परिधान का डिजाइन बनाती थी। बाद में दर्जी से उस डिजाइन के […]

मनोचिकित्सक गौरी प्रधान

“क्योंकि सास भी कभी बहू थी…’ की सबसे सुंदर बहू नंदिनी विरानी यानी गौरी प्रधान कहती हैं, “बचपन से ही दूसरों की मन की बातें मैं बहुत अच्छी तरह से समझ जाती थी। यदि मैं अभिनय में न आती, तो मनोचिकित्सक होती। काउंसलिंग करती।’ आज भी अभिनय के साथ-साथ गौरी ने अपनी मनोविज्ञान की पढ़ाई […]

अब पाकिस्तान से हीरो भी

हमारी फिल्मों में अभिनय करने के लिए पाकिस्तान से लड़कियां तो काफी पहले से आ रही हैं और गीत-संगीत की दुनिया व कॉमेडी शो में भी काफी लोग आ चुके हैं। लेकिन अब वहॉं के लड़कों को भी हमारे यहॉं का ग्लैमर वर्ल्ड अपनी तरफ खींच रहा है। ऐसे ही एक मॉडल एक्टर हैं यासिर […]

मॉं की आराधना का पर्व

“कजली’ संस्कृत के शब्द “कज्जल’ से बना है, जिसके कई अर्थ हैं – “कज्जल’ का अर्थ वैसे तो कालिमा से लगाया जाता है, किन्तु इसका प्रयोग यहॉं वर्षा की काली घटा तथा कजली देवी जगत-जननी विन्ध्यवासिनी से है, जो अपने कज्जला रूप के कारण कज्जला देवी (कलुई माई) के रूप में जग-विख्यात हैं। जिस गीत […]

सिर से ही नहीं वार्डरोब से भी सरका जाए रे…

“आ रंग दे दुपट्टा मेरा..’ फिल्म “मुझे कुछ कहना है’ के इस गाने में करीना के हाथों में दुपट्टा नहीं है, लेकिन फिर भी वह दुपट्टे को रंगने के लिए कह रही हैं। यह सिर्फ एक फिल्म या एक गीत की बात नहीं है। बॉलीवुड में आज भी आए दिन ऐसे गाने आते रहते हैं, […]

साउथ ओसेशिया पर जॉर्जिया का हमला

इराक संकट की तरह ही पूर्व सोवियत संघ के काकस क्षेत्र में मौजूदा संकट को भी तेल से अलग करके देखा नहीं जा सकता। काकस क्षेत्र से जो पाइपलाइनें गुजरती हैं उनके जरिए कैस्पियन सागर से यूरोप और अमेरिका तक तेल और गैस सप्लाई होती है। इन पाइपलाइनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य रूप से […]

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