तलाश मो़जे व दस्ताने की

  एक दिन बाबा के पास एक बैग था जिसमें कुछ सामान था। मैंने बाबा से मालूम किया, “बाबा, आपके बैग में क्या है?’ “मोजे और दस्ताने हैं।’ “किसलिए?’ “आपको देने के लिए।’ “तो दीजिए।’ “लेकिन पहले मेरे एक सवाल का ़जवाब दीजिए।’ “आप सवाल पूछिए?” “मेरे इस बैग में दस जोड़ी गाउन और दस […]

छः पैरों वाला हेनरी

ब्रिटिश समुद्री विशेषज्ञों ने एक छः पैरों वाले हेक्सापस को पकड़ा है। इस अजीब तरह के जीव की जीभ भी ऑक्टोपस से मिलती-जुलती है। समझा जा रहा है कि यह ऑक्टोपस ही है जिसमें किसी तरह की असामान्यता के कारण ये विचित्रताएँ देखने का मिल रही हैं। उत्तर पश्र्चिमी इंग्लैंड में ब्लैकपूल सी लाइफ सेंटर […]

बहुपयोगी मूंगा

दोस्तों, तुमने मूंगे के बारे में पढ़ा होगा। तुम तो जानते ही हो कि मूंगे को आभूषणों में प्रयोग किया जाता है। मनुष्य प्राचीनकाल से लाल रंग के मूंगों को आभूषणों में प्रयोग करता आ रहा है। रोम के लोग मूंगे को अपने बच्चों के गले में पहनाते हैं। इसके पीछे उनका एक अपना विश्र्वास […]

सिर्फ तीन मिनट!

सामान्यतः 3 मिनट का समय मामूली समझा जाता है, परंतु किसी दुर्घटना के समय इन 3 मिनटों का बहुत महत्व होता है। यदि दुर्घटनावश किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन बंद हो जाए तो उसे 3 मिनट के भीतर फिर से आरंभ करना आवश्यक होता है, यदि 3 मिनट तक मस्तिष्क में रक्त नहीं पहुंच […]

मेडिकल टूरिज्म की आय से गरीबों का भला हो

एशियाई देशों में, खासकर भारत में “मेडिकल’ टूरिज्म’ ते़जी से फल-फूल रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि पश्र्चिम के देशों में खासकर अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में चिकित्सा का खर्च दिनोंदिन आसमान छूता जा रहा है। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के लोगों ने अनुभव से पाया कि एशियाई देशों में खासकर भारत, थाईलैंड […]

घातक है प्रकृति से छेड़छाड़ करना

मनुष्य के लिए प्राकृतिक सम्पदा एक खूबसूरत वरदान है। जल, वायु, पेड़-पौधे, जंगल सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करते हैं। मगर आज मानव अपनी गतिविधियों के कारण पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है। जंगल काटे जा रहे हैं। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने से भूकंप जैसी त्रासदी का भी सामना करना पड़ता है। बड़े-बड़े उद्योगों की […]

सतही राजनीति का बाजारीकरण

आज राजनेताओं की ऐसी भीड़ बढ़ गयी है जिनमें चारित्रिक निर्लज्जता खुलकर सामने आ रही है। इसका मूल कारण है क्षणिक फायदे की राजनीति, जो सतही राजनीति के बाजारीकरण की व्यवस्था लादती है। फलस्वरूप, हम हमेशा असुरक्षित तथा लाचारीपन का एहसास करते हैं। आज हर काम वोटों से लाभ-हानि का गणित बिठाकर करना राजनीति का […]

आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून की वकालत

अभी तक आतंकवाद के खिलाफ “पोटा’ जैसा कड़ा कानूनी प्रावधान लागू करने की मॉंग भाजपा के ही खेमे से उठ रही थी, लेकिन अब इसकी आवश्यकता को सरकारी खेमा भी महसूस कर रहा है। ़गौरतलब है कि अभी तक सरकार इस तरह की हर मॉंग को यह कह कर निरस्त करती रही है कि आतंकवाद […]

आखिर हंगामा है क्यों बरपा…

अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट में जॉर्ज बुश प्रशासन के प्रकाशित पत्र पर भारत में जो तूफान खड़ा हुआ, उसका औचित्य साबित नहीं किया जा सकता। वस्तुतः इस पत्र से विरोधियों को सरकार पर राजनीतिक हमला करने का अवसर मिल गया, अन्यथा इसमें नई बात कुछ भी नहीं है। सच कहा जाए तो इस रवैये से […]

सोम दादा ने टॉंगा एक प्रश्न-चिह्न

लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने अपने पद पर बने रहने का फैसला किया है। बताया यही जा रहा है कि कम से कम विश्र्वास-मत हासिल करने की तारीख 22 जुलाई के पहले वह अपना इस्तीफा लोकसभा के अध्यक्ष पद से नहीं देने वाले। हालॉंकि यह बयान पूर्णतया पुष्ट नहीं है, क्योंकि न तो उन्होंने स्व़यं अथवा […]

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