जेहाद अपने को नये रंग में ढालने की कोशिश कर रहा है। उसका यह तेवर कितना ़खतरनाक, उसकी धार कितनी तीखी तथा जहर बुझी है, उसका अंदा़ज इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों पाकिस्तान की लाल मस्जिद में जुटी सैकड़ों महिलाओं ने अपने बच्चों को जेहादी बनाने की शपथ ली। ये […]
घटना कुछ दिनों पहले की है। महाराष्ट के अहमदनगर की एक म्युनिसिपैलिटी की सभापति को शिवसेना के सदस्यों ने बुरी तरह पीट दिया। सभापति भी शिवसेना की हैं (या थीं?)। शिवसेना उनसे इसलिए नाराज थी कि उनकी सहानुभूति राष्टवादी कांग्रेस पार्टी के साथ है। पिछले तीन महीने से शिवसेना इस “गद्दारी’ के लिए सभापति से […]
अमरनाथ की गुफा भगवान शिव के प्रमुख तीर्थ-स्थलों में से सर्वोपरि है। इस गुफा में निश्र्चित समय पर बर्फ का एक शिवलिंग अवतरित होता है, जो अद्भुत व आश्र्चर्यजनक होता है। विद्वान मानते हैं कि भगवान शंकर जब पार्वती को अमर-कथा सुना रहे थे, तो उन्होंने छोटे-छोटे नागों को अनंतनाग नामक स्थान पर छोड़कर, माथे […]
मनुष्य को किसी भी दशा में पशु नहीं कहा जा सकता है। ईश्र्वर की रची सृष्टि में विभिन्न प्राणियों में से एक है मनुष्य, दूसरे हैं पशु और तीसरे हैं वनस्पति। इन तीनों के भी कई विभिन्न आकार व प्रकार होते हैं, सब एक जैसे नहीं होते हैं। हर मनुष्य जन्म के बाद कुछ समय […]
टिहरी से पावन गंगोत्री जाने वाले घुमावदार रास्ते पर आपको प्रत्येक पांच सौ मीटर पर अशुभ सूचना देते बोर्ड लगे मिल जाएंगे जिन पर लिखा होता है, “आगे विस्फोट क्षेत्र हैं।’ गंगा के अलौकिक दर्शन को आए श्रद्घालुओं को इन सूचना पटलों के साथ ही “बांध गंगा की हत्या है’ और “गंगा को अविरल बहने […]
हिंसात्मक अराजकता हमारी लोकतंत्रीय व्यवस्था की पर्याय बन गई है। कानून और व्यवस्था की स्थिति चिन्तनीय है। इस तरह की हिंसात्मक गतिविधियों पर अंकुश लगाने की केन्द्र और राज्य सरकारों की इच्छाशक्ति बहुत कमजोर ऩजर आ रही है। और अगर ऐसा हो रहा है तो उसके कारण सिर्फ राजनीतिक हैं। सत्तापक्ष से विपक्ष तक एक-दूसरे […]
विश्र्वविद्यालय अनुदान आयोग की वेतन समीक्षा समिति ने सुझाव दिया है कि विश्र्वविद्यालय के छात्रों को अपने अध्यापकों के मूल्यांकन का अधिकार होना चाहिए। इस प्रस्ताव के पीछे विचार यह है कि शिक्षा व्यवस्था में आखिर कुछ तो जवाबदेही का एहसास हो। लेकिन इस प्रस्ताव के आते ही अच्छा-खासा विवाद खड़ा हो गया है। कुछ […]
पारिवारिक जीवन एवं स्वास्थ्य :- सामान्यतः इनका बचपन अच्छा होता है। इनकी पत्नी भी जिम्मेदार तथा शान्त प्रकृति की होती है। अपनी पत्नी का स्वास्थ्य खराब रहना, इनकी चिन्ता का मुख्य कारण होता है। इनकी पत्नी को एसिडिटी एवं गर्भाशय की समस्या रहती है। अपने बच्चों से भी इन्हें पूरा सुख नहीं मिल पाता। स्वास्थ्य […]
पुस्तक – मैं हिन्दू क्यों बना लेखक – डॉ. आनन्द सिंह सुमन मूल्य – सजिल्द 150 रुपये मात्र पेपर बैक 100 रुपये मात्र प्रकाशक – सरस्वती प्रकाशन, देहरादून-248 001 उत्तराखंड “डॉ. कुँअर रफ़त अ़खलाक राव़जादा, कैसे और क्यों डॉ. कुंअर आनन्द सुमन सिंह’ हो गए- इसी प्रश्न का खुलासा करने के लिए उन्होंने “मैं हिन्दू […]
हिन्दी के द्वारा सारा भारतवर्ष एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। – स्वामी दयानंद अंग्रेजी का स्थान हिन्दी ही ले सकती है। – अनंत शयनम् आयंगर (तमिल भाषी) राष्ट-प्रेमी को राष्टभाषा-प्रेमी होना ही चाहिए। – रंगराव दिवाकर (सुप्रसिद्घ कन्नड़ लेखक) हिन्दी ही एकमात्र भारत की राष्टभाषा रह सकती है। – कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिन्दी […]