पाकिस्तान की उत्तर पश्र्चिम सीमा प्रान्त की राजधानी पेशावर तथा उसके आसपास के खैबर क्षेत्र में पाक सेना द्वारा गत् दिनों तालिबानी लड़ाकुओं के विरुद्घ एक बड़ा सैन्य अभियान छेड़ा गया। अफगानिस्तान सीमा के समीप बारा कस्बे में चलाए गए इस अभियान में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारी हथियारों, टैंकों तथा हवाई हमलों का भी प्रयोग […]
विद्यालयों में बच्चों को रिझाने व उनकी उपस्थिति बढ़ाने हेतु मध्यान्ह भोजन योजना (मिड-डे मील) लगभग डेढ़ दशक से अलग-अलग स्वरूपों व नामों से चल रही है। पी.वी. नरसिन्हा राव के कार्यकाल के दौरान विद्यार्थी को गेहूँ वितरण किए जाने से शुरू हुई यह योजना सन् 2002 में वाजपेयी सरकार द्वारा पके हुए भोजन के […]
“द वॉल स्टीट जनरल’ को इंटरव्यू देते हुए पाकिस्तान के राष्टपति आसिफ अली जरदारी ने बीती 5 अक्तूबर को जम्मू-कश्मीर के मिलिटेंट्स को “आतंकवादी’ कहकर पुकारा। उनके इस बयान का भारत में स्वागत स्वाभाविक था, लेकिन पाकिस्तान में इससे बवंडर खड़ा हो गया। और अगले ही दिन यानी 6 अक्तूबर को पाकिस्तान की सूचना मंत्री […]
भारत-अमेरिकी न्यूक डील ने शुावार को समझौता 123 पर भारतीय विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी और उनकी समकक्ष कोंडालिजा राइस के हस्ताक्षर के बाद अपनी अंतिम बाधा भी पार कर ली। ़गौरतलब है कि इस महत्वाकांक्षी डील को अमेरिकी राष्टपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 8 अक्तूबर को अपने हस्ताक्षर से मंजूरी दे दी थी। तीन साल […]
भारतीय यूरेनियम निगम (यूसी आईएल) ने मेघालय के पश्चिमी खासी जिले में वाखीन इलाके से लेकर माउथाबान इलाके तक उच्च गुणवत्तायुक्त यूरेनियम का पता लगाया है। मेघालय का यूरेनियम भंडार भारत के कुल यूरेनियम भंडार का 16 प्रतिशत है। वर्ष 1992 में यूसीआईएल ने यूरेनियम की खोज करने के लिए अभियान शुरू किया था और […]
मनमोहन सिंह सरकार के चार वर्ष पूरे हो चुके हैं। पिछले चार वर्ष में आर्थिक विकास दर अच्छी रही है। सरकार की विशेष उपलब्धि भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी कंपनियों को खरीदा जाना है, जैसे टाटा द्वारा कार निर्माता जैगुआर एवं स्टील निर्माता कोरस को। आज छोटी भारतीय कंपनियां अपने से बड़ी विदेशी कंपनियों को खरीद […]
न्यूक डील अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। डील को अंतिम रूप देने के लिए 25 सितम्बर को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को राष्टपति जॉर्ज बुश का वाशिंगटन आने का न्यौता भी मिल गया है। इससे यह माना जा रहा है कि अमेरिकी संसद से तब तक अमेरिकी प्रशासन इसके लिए स्वीकृति भी हासिल कर […]
न्याय होना भी चाहिए और होता हुआ दिखायी भी देना चाहिए। लेकिन अफसोस की बात यह है कि बहुत सी अदालतें भ्रष्टाचार का केन्द्र बनकर रह गई हैं। हद तो यह है कि अवाम ऐसी अदालतों को न्याय का मंदिर समझने की बजाय अ द अ ल त (आजा देजा और लेजा तारीख) कहने लगी […]
आज हम इक्कीसवी शताब्दी में जी रहे हैं जिसमें कहने को तो हमने जमीन से चांद तक की दूरी तय कर ली है मगर जमीनी समस्याओं को अभी तक खत्म नहीं कर पाये हैं। आज स्वतंत्र हुए हमें कई दशक बीत चुके हैं, मगर हमारी आवश्यकताएं व समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। हम […]
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकसभा में विश्र्वासमत का प्रस्ताव पारित करा लिया और आगामी चुनाव तक सरकार सुरक्षित हो गई है। लेकिन प्रस्ताव पर हुई बहस के दौरान सदन में और सदन के बाहर भी, जो कुछ हुआ, उससे यह सवाल फिर से हवा में तैरने लगा है कि क्या हमारा […]