पानी को उबाल कर पीना क्यों उपयुक्त रहता है?

दरअसल, स्वच्छ पानी ही अच्छे स्वास्थ्य का सूचक होता है। यदि तुम समुचित तरीके से शोधित एवं स्वास्थ्यकर पानी पीते हो तो जलजनित रोगों जैसे – डायरिया, हैजा, हैपेटाइटिस और टाइफाइड से अपने आपको दूर रख सकते हो। पानी को उबाल कर पीने से इसमें निहित जीवाणु, वायरस एवं “अणुकण’ तत्व साफ हो जाते हैं। […]

एक बूँद स्याही की करामात

“”ए डॉप ऑफ इंक मे मेक ए मिलियन थिंक” का सीधा अर्थ तो यही है कि एक बूँद   स्याही से जो कुछ लिखा जाए वह अनेक पाठकों को प्रेरित कर सकता है। उनमें नई प्रेरणा, नई आशा, नई शक्ति, स्फूर्ति एवं साहस भरकर उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त कर सकता है। लेकिन वृहत तौर पर […]

बिना डाइवर चलेगी कार

कनाडा के अपलानिक्स कारपोरेशन के राबर्ट मैक कुएग एवं ौंक आरतेस ने टैफिक टैक्नॉलाजी इंटरनेशनल के एक अंक के हवाले से कहा है कि कार में बैठने वाले को केवल गंतव्य स्थान के बारे में बता देना होगा और कार चल पड़ेगी। फिएट ऑटो के उपाध्यक्ष के अनुसार 2050 ई. तक कार चलाने के लिए […]

तुलसी का बिरवा

सूरज आकाश में चढ़ आया था। गदबदे सुंदर बालक-सी सुहानी लगने वाली ठंड, अब बाप के घर से ससुराल जाने वाली नवोढ़ा की तरह माहौल से विदा ले चुकी थी। रास्ते में राकेश को सामने आता देख मोहन हुमक कर उसके गले लिपट गया “”बहुत दिनों बाद मिल रहे हो यार?” “”हॉं, पिछले महीनों बहुत […]

चिंतन के क्षण

भगवान की कृपा पर विश्वास, आत्मा की अमरता पर विश्वास तथा और अपने प्रारब्ध पर विश्वास। यदि इन तीन बातों पर विश्वास हो तो फिर किसी बात की किसी समय भी चिंता नहीं हो सकती। प्रस्तुति – डॉ. विजयवीर विद्यालंकार

व्यवस्था के दमनचा में पिसता आम आदमी

श्रीराम मेहरा को मैं पिछले 10 वर्षों से देख रहा हूँ। सुबह अपने बैग में खाने का डिब्बा और कागजों का पुलिंदा लेकर घर से निकलता है। दिनभर पशु अस्पताल में ड्यूटी करता है और बरसों से चल रहे नौकरी में अपने नियमितीकरण संबंधी मुकदमों और निर्णय के कागजात तथा विभिन्न आयोगों और विभागों में […]

पूंजीवादी अर्थशास्त्र का खोखलापन

वैश्र्वीकरण की बाजारवादी अर्थव्यवस्था का मुलम्मा उतरना शुरू हो गया है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था जो पिछले कई दशकों से विश्र्व के अधिकतर देशों के लिए न सिर्फ आदर्श बनी हुई है, अपितु इनके संचालन की बागडोर भी इसी के हाथ में है, आज खुद लड़खड़ाने लगी है और उसका खोखलापन सारी दुनिया के सामने उजागर हो […]

देशहित पर भारी है वोटों की राजनीति

दिल्ली में फिर एक बार बम विस्फोट हुए। इन बम विस्फोटों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन नामक आतंकवादी संगठन ने ली है। हमेशा की तरह जब भी देश के किसी भी भाग में आतंकवादियों द्वारा विस्फोट किया जाता है, इसके पूर्व ही उनके द्वारा बाकायदा चेतावनी दी जाती है, फिर विस्फोट होता है और बेकसूर नागरिकों […]

देश में शांति व सद्भाव की यही पुकार

न्यायमूर्ति नानावती आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद इस पर ठंडे मन से विचार करने की आवश्यकता है। देश में शांति और सद्भाव की यही मांग है। हालांकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस तरह विरोधियों को लताड़ रहे हैं वह अस्वाभाविक नहीं है। उन्होंने कहा है कि अभी तक गोधरा रेलदहन का उन्हें […]

चतुर्भुज का संकेत

गणपति जलतत्व के अधिपति हैं। जल के चार गुण होते हैं- शब्द, स्पर्श, रूप तथा रस। सृष्टि चार प्रकार की होती है- स्वेदज, अण्डज, उद्भिज्ज तथा जरायुज। जीवकोटि के पुरुषार्थ चार होते हैं- धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष। चतुर्विधं जगत्सर्वं ब्रह्म तत्र तदात्मकम्। हस्थश्चत्वार एवं ते….।। स्वर्गेषु देवताश्चायं पृथ्व्यां नरांस्त:तले। असुरान्नागमुख्यांश्च स्थापयिष्यति बालकः।। …… तस्मान्नाम्ना […]

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