आर्थिक उथल-पुथल की तुलना यदि हम ऐसे गुब्बारे से करें जिसमें क्षमता से अधिक हवा भरी जा रही हो और परिणामस्वरूप वह फूट जाये तो स्थिति आसानी से स्पष्ट हो सकती है। जिस प्रकार से मल्टीनेशनल कंपनियों ने अपने यहॉं अंधाधुन्ध भर्ती की थी और भारी-भरकम पैकेज अपने कर्मचारियों को दिये थे, उससे ऐसा लग […]
गाय को हमारे शास्त्रों में पूजनीय बताया गया है। पुरातन समय में गाय ही हमारी व्यावसायिक धुरी रही है। गौ-उत्पादों की महिमा आज फिर से अधिक उपयोगी सिद्घ हो रही है। जिन तथ्यों को हमने बढ़ते हुए वाणिज्यिकरण के युग में भुला दिया था, वे सब अब पुनः विज्ञान की कसौटी पर भी महत्वपूर्ण साबित […]
एक इराकी पत्रकार ने इराक में हो रहे प्रेस कानेंस के दौरान अपने पैरों से जूते निकालकर एक के बाद एक बुश पर दे मारा। बुश को कोई जूता तो नहीं लग सका क्योंकि बुश साहब झुक गए थे। परंतु यहॉं तक नौबत कैसे आन पहुँची, यह सोचने वाली बात है। दुनिया में अमेरिका सबसे […]
बीतने को तो सन् 2008 जैसे-तैसे बीत गया और सन् 2009 का कारवाने-सफर शुरू भी हो चुका है। “बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय’ की कहावत के तहत हम 2009 का तहे-दिल से इस्तकबाल करने को भी तैयार बैठे हैं। लेकिन सच यह भी है कि मानस-पटल पर खींची गई कुछ खरोचों की […]
भारत की अनेक विशेषताएं हैं। हम लोग इस दिव्य परम्परा के वारिस हैं, जिस परम्परा ने अनादिकाल से हम लोगों को ज्ञान-विज्ञान का अपूर्व भंडार दिया है। अनेक स्थानों पर ऐसा कहा गया, ऐसा सोचा गया है कि मनुष्य उतांत होता गया है। पूरे संसार का वाङ्मय देखने पर और हमारे वेद-वेदान्त के वाङ्मय को […]
पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ अशांति तो अर्से से चल रही है लेकिन पिछले दिनों, विशेषकर 30 अक्तूबर को असम में कई जगह जो शोले भड़के, उससे यह ़जरूरी हो गया है कि उस चिंगारी की तलाश की जाए जो समय-समय पर प्रचण्ड ज्वाला बनकर उभरती रही है। कभी पूर्वी पाकिस्तान की सीमा पर स्थित यह […]
राजस्थान विधानसभा में प्रवेश करने के लिए 2,194 उम्मीदवार अपनी किस्मत आ़जमा रहे हैं। इनमें से 10 प्रतिशत पर चोरी से लेकर हत्या तक के आरोप हैं। 18 प्रतिशत कांग्रेस प्रत्याशियों का आपराधिक इतिहास है और 11 प्रतिशत भाजपा प्रत्याशी भी हिस्टीशीटर हैं। इन्हीं आंकड़ों से मिलते-जुलते आंकड़े छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के […]
आंधी को जिसने थप्पड़ मारा बुझते दीपक को दिया सहारा उठो समय के पारखी यह परिचय बलवान का यही लक्ष्य इंसान का पीछे हटना जिसे न भाया उसे विजय ने गले लगाया बढ़े चलो रुको नहीं साकार स्वप्न अरमान का यही लक्ष्य इंसान का चाहे मस्तक कट गिर जाए आन-बान पर आँच न […]
अगर बन जाती दुनिया में, नन्हें बच्चों की सरकार। बड़ा म़जा तब आता यारों, बच्चों का होता संसार। ऊँचे-ऊँचे पद पर बच्चे, सभी नौकरी पाते। नहीं काम कुछ करना पड़ता, सभी खेलते-खाते। बड़े-सयानों से मैं कहता, बच्चों को मत डांटो। यह सरकारी ऑर्डर होता, मुफ्त मिठाई बांटो। सभा, सिनेमा, पिक्चर, नाटक, उस छोटे संसार के। […]
एक पूर्व प्रधानमंत्री का स्पीच से पहले असावधानीवश पल्लू सिर से सरक गया। सलाहकार घबरा कर बोला, “मैडम, जल्दी से सिर को ढांप लीजिए, वरना आपको परकटी जानकर तमाम वोटर बिदक जाएँगे।’ इस घटना को गुजरे कोई तीस बरस हो चुके हैं। हमारी नेत्रियॉं आज भी भाषण प्रतियोगिता के दौरान अपना पल्लू संभालती फिरती हैं। […]