परमाणु करार के आगे ताकत का रास्ता

भारत-अमेरिका परमाणु करार पर सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और बाहर रह कर उसे समर्थन देने के नाम पर उसे कठपुतली बनाने की कोशिश में लगे वाम दलों की खींचतान का नाटक समाप्त होने के बाद इस करार के बाद की संभावनाएं देखना उचित होगा। तय है कि 1974 तथा 1998 में भारत की परमाणु विस्फोट […]

फिर मंडराने लगे मध्यावधि चुनावों के बादल

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार केंद्र में अपने चार वर्ष पूरे कर चुकी है। यदि निर्धारित समय पर लोकसभा के आम चुनाव हों तो अब मात्र 11 महीने का समय ही चुनाव हेतु शेष रह गया है। परन्तु यदि मीडिया की अटकलों पर ध्यान दिया जाए तो दिसम्बर अथवा जनवरी में भी चुनाव होने की […]

गंगा एक्सप्रेस मार्ग – उपजाऊ भूमि के विनाश का रास्ता

“गंगा एक्सप्रेस मार्ग’ उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रोजेक्ट है। जिसके तहत नोएडा और बलिया के बीच गंगा नदी के बाईं ओर आठ लेन की सड़क बनाई जाएगी। यहॉं हम इस प्रोजेक्ट के पर्यावरणीय पहलुओं की चर्चा करेंगे। यह प्रोजेक्ट दोआब की 10,47,000 र्ेर्8े7 वर्ग मीटर (5863 हैक्टेयर) कृषि भूमि को लील जाएगा। यह दोआब […]

भारतीय दूतावास पर हमले का सच

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित लाल मस्जिद के बाहर 6 जुलाई को हुए आत्मघाती हमले और ठीक उसके दूसरे दिन यानी कि 7 जुलाई को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित भारतीय दूतावास पर हुए आत्मघाती हमले की प्रकृति ऊपर-ऊपर से देखने में एक जैसी ़जरूर लगती है, लेकिन दोनों का संदर्भ एक-दूसरे से सर्वथा […]

चराचर की हर रचना का अपना धर्म

भारतीय जीवन का वैदिक सिद्घान्त बहुत गहरा है। भारत में पीढ़ी दर पीढ़ी यह मान्यता चली आ रही है। भारतीयों का जीवन दैवी-शक्तियों में जागता है, वैदिकता में जागता है। जब जीवन वैदिकी में रहता है, तो सब कुछ सुचारू रहता है। सारे चराचर के प्राणी-मनुष्य, पशु-पक्षी, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे सबका प्रकृतिजन्य अपना-अपना धर्म है, जो […]

बनस मेला व मंडा-पर्व

मंडा-पर्व या बनस मेला झारखंड की संस्कृति व सभ्यता का प्रतीक है। यह पर्व झारखंड में प्राचीनकाल से मनाया जाता है। यह पर्व आरंभकाल में असुर जनजातियों द्वारा मनाया जाता था। असुर जनजाति शिव-भक्त थी। डॉ. ए.सी. राय की पुस्तक “मुंडाज एंड काउंटी’ में भी झारखंड की पहली जनजाति असुर का भी उल्लेख है। मंडा […]

कर्मफल

इतना सब कुछ सहन करने के उपरांत भी निशा पिछले तीन साल से एक ऐसे व्यक्ति के ऑफिस में बड़े ही धैर्य एवं शालीनता से अपना कार्य करती रही है, जिसके पिता ने उसके पिता का जीवन तबाह कर दिया। वह निशा के बारे में जितना अधिक सोचता, उसकी परेशानी बढ़ती ही जा रही थी। […]

सत्ता केन्द्रों की टकराहटों का अखाड़ा बना पाकिस्तान

पाकिस्तान वर्चस्ववादी सत्ता-केन्द्रों की टकराहट का अखाड़ा बनता जा रहा है। ये टकराहटें पाकिस्तान की राजनीति को किस मुकाम तक ले जायेंगी, अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन इतना तो तय है कि सत्ता-शीर्ष पर उभरने वाला यह संघर्ष उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही सिद्घ होगा। सत्ता के केन्द्र के एक खाने […]

परमाणु करार के आगे ताकत का रास्ता

भारत-अमेरिका परमाणु करार पर सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और बाहर रह कर उसे समर्थन देने के नाम पर उसे कठपुतली बनाने की कोशिश में लगे वाम दलों की खींचतान का नाटक समाप्त होने के बाद इस करार के बाद की संभावनाएं देखना उचित होगा। तय है कि 1974 तथा 1998 में भारत की परमाणु विस्फोट […]

पतझड़ के बाद

वस्तुतः प्रेम की उत्पत्ति सृष्टि के प्रारंभ के साथ ही हो गयी थी। पृथ्वी पर मानव की रचना शायद उसी प्रेम का परिणाम थी। प्रेम, प्यार, मोहब्बत या चाहत जैसी कोमल संवेदनाएँ मानवीय जीवन की सहज अनुभूतियॉं थीं और हमेशा रहेंगी। आँखों के रास्ते उतरा प्रेम जब दिल में अपना मुकाम बना लेता है तो […]

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