जीवन गीता

यशोधर्मा देवी का परम भक्त था। एक बार उसने विंध्यवासिनी देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए कठोर साधना की। वर्षों तक की गई साधना से प्रसन्न होकर विंध्यवासिनी ने उसे दर्शन दिए। उन्होंने पूछा, “मैं तुम्हें कुछ देना चाहती हूँ। तुम्हें धनलक्ष्मी चाहिए या भोगलक्ष्मी?’ यशोधर्मा ने कहा, “मैं निर्णय नहीं ले पा रहा।’ […]

युग दर्पण

छेमाई का इम्तियान था, मैंने पर्चा एक बनाया जनरल नॉलेज के हिसाब से, लिक को उसकू खूब सजाया इम्तियान का दिन आया तो, सोब पोट्टों कू पर्चे बांटऊँ अच्छा-अच्छा लिकना बोल को, बदमाशोंऊँ कू कित्ता डांटऊँ घर में लाको इम्तियान के पर्चों से जब मैं टकराया पड़ पड़ को पोट्टों के जवाबॉं, अब्बा मेरा सिर […]

मंडराते रहे हैं विवादों के साये

ओलंपिक खेल भले ही दुनिया में भाईचारा बढ़ाने का, विभिन्न देशों के बीच आपसी रिश्ते सौहार्दपूर्ण बनाने-बढ़ाने का आह्वान करते हों। लेकिन इतिहास गवाह है कि मौके-बेमौके ये सियासी दांव-पेंच, कूटनीतिक मोर्चाबंदी तथा अन्य कई तरह से विवादों में घिरते रहे हैं। एक नहीं कई बार इन पर विवादों की छाया गहराई है। सच तो […]

स्वधर्मे निधनं श्रेयः

हर वस्तु का अपना-अपना धर्म होता है और अपने-अपने लक्षण होते हैं। उन्हीं लक्षणों से उस वस्तु से लोग परिचित होते हैं, उसका नामकरण होता है। हर सत्ता का, हर जीव का अपने धर्म में प्रतिष्ठित रहना ही श्रेयस्कर है। सोने का और लोहे का अपना-अपना धर्म होता है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य का भी […]

उपासना, साधना और आराधना

“”शारीरिक स्वस्थता के तीन चिह्न हैं, 1. खुलकर भूख लगना, 2. गहरी नींद, 3. काम करने के लिए स्फूर्ति। आत्मिक समर्थता के भी तीन चिह्न हैं, 1. चिंतन में उत्कृष्टता का समावेश, 2. चरित्र में निष्ठा और 3. व्यवहार में पुण्य-परमार्थ के लिए पुरुषार्थ की प्रचुरता। इन्हीं को उपासना, साधना और आराधना कहते हैं। इन […]

करुणा

रॉंची के अनिरुद्घ सिंह “बेचैन’ के चाचा जी जमीन पर दरी बिछाए आँगन में सो रहे थे। ग्रीष्म ऋतु थी। चंद्रमा की धवल किरणें चारों ओर बिखरी हुई थीं। एक सॉंप उनके शरीर पर चढ़ गया। वे जाग तो गये, पर शरीर को हिलाने-डुलाने या खड़े होने में डर रहे थे। उसी समय एक बिल्ली […]

आठवीं महाविद्या बगुलामुखी

व्यष्टि रूप में शत्रुओं को नष्ट करने की इच्छा रखने वाली तथा समष्टि रूप में परमात्मा की संहार-शक्ति ही वगला है। पीताम्बराविद्या के नाम से विख्यात बगुलामुखी की साधना प्रायः शत्रुभय से मुक्ति और वाक्-सिद्घि के लिए की जाती है। इनकी उपासना में हरिद्रामाला, पीत-पुष्प एवं पीत-वस्त्र का विधान है। महाविद्याओं में इनका आठवॉं स्थान […]

जरदारी के बयान की अहमियत

पाकिस्तान के राष्टपति आसिफ अली जरदारी ने विश्र्व के एक प्रमुख मीडिया चैनल “वाल स्टीट जर्नल’ के साथ साक्षात्कार में कुछ बहुत अच्छी और सकारात्मक बातें कही हैं। उनकी कही बातों पर अगर सचमुच अमल हो तो न सिर्फ कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिलेगी, बल्कि भारत-पाक के बीच भी […]

विषम राष्टीय स्थिति और दिग्भ्रमित मीडिया

वैसे तो पूरी दुनिया में लेकिन विशेष रूप से भारत में मीडिया पूरे समाज का पौष्टिक मानसिक आहार बन गया है। हमारी सूचनाओं, सोच-समझ, विश्लेषण इत्यादि सब कुछ के निर्धारण में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह बौद्घिक खुराक अभूतपूर्व विश्र्वविद्यालय की तरह काम करती है। इसके पहले इतिहास में ऐसा कोई विश्र्वविद्यालय नहीं […]

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र

स्वभाव एवं सामान्य घटना :- जातक संस्कारी, मृदुभाषी, साफ दिल तथा मासूम चेहरे वाला प्रतीत होता है। आडम्बर रहित साधारण जन्दगी जीता है। धार्मिक स्वभाव तथा सबका सम्मान करने वाला होता है। कई बार मिलने के बाद ही इन लोगों के बारे में कोई राय बन पाती है। अपना कार्य यह ईमानदारी से करते हैं। […]

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