बुद्घ का “शून्यवाद’

भगवान बुद्घ पर यह आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने अपनी शिक्षा में “शून्यवाद’ का प्रचार किया, जिसके कारण मनुष्य के अन्दर अकर्मण्यता की उत्पत्ति हुई। इस मिथ्या प्रचार का सबसे बड़ा कारण है, बुद्घ के “शून्य’ शब्द का अर्थ समझने में त्रुटि। बुद्घ का कहना था कि मनुष्य का चित्त इतना निर्मल हो जाये […]

पद बढ़ रहा है, कद नहीं

अंतर्राष्टीय श्रम संगठन (आईएलओ) के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि रोजगार की दुनिया में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है लेकिन संख्या बढ़ने के बावजूद रोजगार में महिलाओं का रुतबा नहीं बढ़ रहा है। यह लगभग वैसा ही है कि जैसे फौज में बड़े पैमाने पर आजादी के पहले हिंदुस्तानी सिपाही तो […]

हताश न्यायपालिका-जिम्मेदार कौन?

अभी हाल में देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में हाथ खड़े कर दिये तथा हताश होकर विद्वान न्यायाधीश ने कहा कि अब इस देश को अराजकता से भगवान भी नहीं बचा सकता। राजनेताओं द्वारा बड़ी तादाद में सरकारी बंगलों पर अवैध कब्जों की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने यह हताशा जाहिर की। […]

आतंक की नई पौध

अब्दुल सुभान उर्फ तौकीर, आतिफ उर्फ बशीर, साकिब निसार, मुहम्मद शकील, जिया उर रहमान और सैफ। आखिर इन सबके बीच समानता क्या है? दिल्ली, अहमदाबाद, बंगलुरू, जयपुर और वाराणसी में हुए बम विस्फोटों से इन सबका रिश्ता है। आतंक के खूंखार सौदागर होने के साथ-साथ इन सबमें एक और बड़ी समानता है। ये सब युवा […]

अमेरिका पीछे, भारत आगे

भारत-अमेरिकी असैन्य परमाणु समझौते ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की मंजूरी के बाद इस दिशा में अपनी सबसे बड़ी बाधा को पार कर लिया है। सबसे बड़ी बाधा इसलिए कि इस सभा में किसी प्रस्ताव को पारित कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। प्रस्ताव पर हुए मतदान में इस प्रस्ताव के पक्ष […]

नान्दी-श्राद्घ

भारतीय संस्कृति एवं पुराणों में तिथियों एवं वारों का विशेष महत्व है। इनमें साधक पूजा व दान करके अक्षयफल प्राप्त करता है। सोमवती अमावस्या, शनि अमावस्या, सोम प्रदोष, शनि प्रदोष, अगार की चतुर्थी, बुधाष्टमी, सूर्य सप्तमी आदि तिथियों का आना विशिष्ट-योग माना जाता है, जो संयोगवश ही आती हैं। धार्मिक अनुष्ठानों एवं शुभ कार्यों में […]

संसदीय आम चुनावों की पदचाप

परमाणु ऊर्जा करार का दो वर्ष तक संसद में और संसद के बाहर तीव्र विरोध करने पर भी समाजवादी पार्टी अचानक उसकी हिमायती बन गई। अलबत्ता उससे पहले उसने भारत सरकार के राष्टीय सुरक्षा सलाहकार नारायणन और पूर्व राष्टपति अब्दुल कलाम से सलाह ले ली थी। परन्तु कई राजनीतिक टिप्पणीकार कहते हैं कि एक ओर […]

डील न करियो कोय

परमाणु करार के ़जरूरत से ज्यादा प्रचार-प्रसार का आम जनमानस पर इतना व्यापक असर हो गया कि एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा तो प्रेमिका ने मुंह बिचकाते हुये कहा कि उसका शादी जैसी पुरातनपंथी विचारधारा में कोई विश्र्वास नहीं है। हां, वो इसकी जगह उसके साथ जीवन बिताने के […]

बैरकों से फिर निकल सकती है सेना

रखरखाव के रिश्ते अधिक समय तक कायम नहीं रहते हैं, पाकिस्तान में भी यही हुआ। पूर्व राष्टपति परवे़ज मुशर्रफ के विरुद्घ साझा दुश्मनी पाकिस्तान की दो मुख्य राजनीतिक पार्टियों-पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और मुस्लिम लीग (नवा़ज) को एक मंच पर रोके हुए थी, लेकिन जैसे ही मुशर्रफ से मुक्ति मिली, इन दोनों दलों के पास साथ […]

बाढ़ की विभीषिका

बिहार और उत्तर प्रदेश इस समय बाढ़ की भयंकर विभीषिका से जूझ रहे हैं। बिहार की हालत सर्वाधिक खराब है। वहॉं कोसी और गंडक ने जो तबाही मचाई है उससे बिहार का एक बहुत बड़ा हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो गया है। चारों तरफ पानी ही पानी। नगर, कस्बा, गॉंव और ़जमीन इस जल समुद्र […]

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