श्रावस्ती नगरी के एक सेठ भोजन करने बैठे थे। उनकी सुशीला पुत्रवधू विशाखा हाथ-पंखे से उन्हें हवा कर रही थी। सेठ आराम से भोजन कर रहे थे, तभी एक बौद्ध भिक्षु उनके द्वार पर आ खड़ा हुआ। बौद्ध भिक्षु ने भिक्षा देने के आग्रह के साथ आवाज लगाई। सेठ ने पुकार पर गौर नहीं किया, […]
इन दिनों शहर में एक बात की चर्चा आम है कि फलां, फलां और फलां डॉक्टर को लिंग निर्धारण करने एवं कन्या भ्रूण-नष्ट करने की प्रैक्टिस करने के कारण कोर्ट ने सज़ा सुनाई है। किसी महफिल में बातचीत के दौरान मेरे मुंह से भी जोश में निकल गया कि ऐसे डॉक्टरों को तो सज़ा होनी […]
दाम्पत्य जीवन में जिस सबसे खराब बात का सामना करना पड़ सकता है, वह है साथी की बेवफाई। इसके कारण संबंध बचा रह सकता है या नहीं, यह बात दोनों व्यक्तियों पर निर्भर करती है। इस बात को न सही ठहराया जा सकता है और न ही समझा जा सकता है कि कोई शख्स अपने […]
झगड़ों के मूल में अक्सर गलतफहमियां ही होती हैं। कई लोगों को, जैसे कहते हैं न कि उल्टा चश्मा लगा कर देखने की आदत होती है। वे हमेशा अर्थ का अनर्थ करके ही रिएक्ट करते हैं। अब महिमा की बात ही लें। दीदी ने उसे सहेली के यहां से रात होने से पहले जल्द लौटने […]
एक अच्छा नाविक जिनका मार्गदर्शन करता है, उन्हें मंजिल तक पहुँचाता है, वह सिर्फ राह समझाकर अलग नहीं हो जाता। अच्छे मित्र में भी यही गुण होता है। एक सच्चा मित्र वह है, जो आपकी गहनतम भावनाओं को पूरी तरह सुनता और समझता है। जब आप संघर्ष करते हैं, तो वह आपकी मदद करता है। […]
अक्सर, सिर्फ प्यार ही काफी नहीं होता। दूर तक साथ चलने के लिए एक-दूसरे को गहराई से समझना और आपसी तालमेल भी जरूरी होता है। यह हासिल करने के बाद भी कुछ बाधाएं होती हैं, जिन्हें पार करना होता है। प्यार और संबंध, दरअसल आग की तरह होते हैं। अगर आप इसे जलाये रखना चाहते […]
आजकल प्रायः देखने-सुनने में आता है कि परिवार में बुजुर्ग़ों की उपेक्षा बढ़ती ही जा रही है। घर के सदस्य बुजुर्ग़ों का सम्मान नहीं करते, उनका ख्याल नहीं रखते। बुजुर्ग़ों के प्रति वे संकुचित सोच रखने लगे हैं। आखिर क्यों बढ़ रही है बुजुर्ग़ों की इतनी उपेक्षा? क्यों पीने पड़ रहे हैं, उन्हें अपमान व […]