मिट्टी का घड़ा जिसे मटका भी कहते हैं, इसकी उपयोगिता भीषण गर्मी में महसूस होती है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, प्यास से गले सूखते हैं। और फिर ठंडे पानी की इच्छा होती है। गर्मी के मौसम में जगह-जगह ठंडे पानी के प्याऊ देखे जाते हैं, फिर भी आम लोगों को प्यास से निजात नहीं मिलती।
बड़े घर के लोग तो गर्मी में फ्रिज, कूलर और एयर कंडीशनर रखकर गर्मी को दूर भगा देते हैं, लेकिन आम आदमी के लिए ये सुविधा कहां? मटका सबसे सस्ता और सुगम उपाय है। इससे हम फ्रिज जैसा ठंडा जल पा सकते हैं। पानी का स्वाद और मिट्टी की गुणवत्ता से मटके का पानी प्यास
बुझाने वाला और स्वास्थ्यवर्द्धक होता है। फ्रिज में ये बात कहां?
फ्रिज से हम मिट्टी के घड़े की तुलना करें, तो महंगे फ्रिज से पंद्रह-बीस रुपए का घड़ा श्रेष्ठ है। बस घड़े के चारों तरफ साफ तथा गीला कपड़ा लपेटकर ऐसे स्थान पर रखें, जहां पर्याप्त हवा आती हो। मटके और कपड़े को रोजाना साफ करें और लपेटे कपड़े को गीला करें।
बस फिर तुलना कीजिए, फ्रिज के पानी और अपने मटके के पानी की। घड़े का जल सर्दी नहीं करेगा और स्वादिष्ट भी लगेगा। यह मटका सस्ता और बहुपयोगी होने के साथ-साथ आम जनजीवन में बहुत महत्व रखता है।
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