हॉलीडे हैंगओवर

thinking-about-weekend-holidayहम लंबे वीकएंड का तो बेसब्री से इंतजार करते हैं, लेकिन अक्सर वीकएंड के बाद की स्थिति के बारे में नहीं सोचते। अगर आप इस सोच के साथ दफ्तर जायेंगे कि मैं अभी से अगली वीकएंड के लिए तैयार हूं, तो स्थिति और विकट हो जायेगी। दफ्तर भी आप हॉलीडे के मूड में जायेंगे, जिससे आपके हाथ शर्मिंदगी लग सकती है। अगर आप अपने जॉब से प्यार करते हैं तो भी इसकी संभावना अधिक है कि उस दिन कोई व्यक्ति या कोई चीज आपको नीचा दिखा दे। इसके अलावा यह समस्या भी रहती है कि दफ्तर में रहकर आपका दिमाग घर में भटक रहा हो और आप उसी आनन्द के बारे में सोच रहे हों, जो वीकएंड पर उठाया था, यही है हॉलीडे हैंगओवर।

कभी-कभी रूटीन के तनावपूर्ण पल एकत्र हो जाते हैं, जब तक कि उनका विस्फोट न हो जाये, वह भी जबरदस्त जोर-शोर के साथ। यह बहुत अधिक प्रोफेशनल कर्मचारी के साथ भी हो सकता है। इसमें पेंच यह है कि अपने आपको दूसरों के जूतों में रखने के बाद फिर सोचें। तो, क्या बॉस आप पर मीटिंग के लिए दबाव डाल रहा है और आपने अपने किसी मित्र से मिलने का वायदा कर रखा है? ऐसी स्थिति में बॉस से जुबानी नोंक-झोंक आसानी से हो सकती है और आप जल्दी से गुस्से में आकर चिल्ला सकते हैं, “”मैं इस्तीफा दे रहा हूं।” अगर आप ऐसा करते हैं तो अधिक संभावनाएं इस बात की हैं कि आप अगले दिन काम पर आयेंगे। लेकिन माहौल आपके लिए इतना सा़जगार नहीं रहेगा कि कुछ माह बाद आप त्यागपत्र दे सकें।

इसलिए यह अनुमान लगा लें कि बॉस अपने चिर-परिचित खराब मूड में है और ठंडे दिमाग से उन्हें समझायें कि अपने व्यक्तिगत संपर्क से मिलना आपके लिए बहुत जरूरी है। अगर तरकीब के साथ प्रस्ताव को टाइम किया जाये तो आपको रियायत या छूट मिल भी सकती है। क्या यह बात जानी-पहचानी-सी मालूम होती है? अगर आप, कोई सहकर्मी या प्रबंधक गुस्से में फूटने के करीब है तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि कार्यस्थल पर चीजें असंतुलित हैं। आपको और आपके साथी कर्मचारियों को संतुलन स्थापित करने के बारे में सोचना चाहिए।

वार्ता को सामान्य रखें

कार्यस्थल के तनाव पर चर्चा करना और बॉस से थोड़ी-सी अपने मन की बात स्पष्ट बता देना हमेशा अच्छा होता है। लेकिन काम के बारे में बड़बड़ा कर अपनी छवि नकारात्मक न बनायें। इसलिए वार्ता को सामान्य रखें, मुद्दे पर ही फोकस करें और विवाद में फंसने से बचें।

अपने काम के भार का मूल्यांकन करें

गुस्से में फूटना उस सूरत में अधिक होता है, जब काम का बहुत बड़ा हिस्सा आपके कंधों पर पड़ा हो। अगर आपके विभाग में संतुलन है और काम असंतुलित है तो संयम में रहते हुए प्रबंधक का ध्यान इस ओर आकर्षित करें। अगर आप अविश्र्वसनीय रूप से व्यस्त हैं तो भी समय निकाल कर अन्य कर्मचारियों को ाॉस-टेन करें। समय में निवेश के अच्छे नतीजे निकलते हैं, जब वही सहकर्मी काम के अधिक भार को उठाने लगते हैं।

ब्रेक लें

यह सुनिश्र्चित कर लें कि दिन में कम से कम कई बार आप अपनी डेस्क से उठते हैं। अगर मुमकिन है तो बाहर जाकर ब्लॉक या बिल्ंिडग के आसपास वॉक करें।

दूसरों की मदद करें,

अपनी मदद कराने के लिए

यह हॉलीडे हैंगओवर छोटी-सी चीज है, आपके सहकर्मियों या बॉस की व्यक्तिगत परेशानियां हो सकती हैं, जो कार्यस्थल पर असंतुलन का कारण हों। हालांकि आप हर व्यक्ति की प्राइवेसी का सम्मान करते हैं, लेकिन जो बहुत परेशान दिखायी दे रहा है, उसकी परेशानी मालूम करने में कोई बुराई नहीं है। अगर वह कोई अपनी समस्या बताये तो सिर्फ सुनें और ओवर स्मार्ट बनकर समाधान न सुझायें। आपका यह सहकर्मी आपके तनाव के क्षणों में आपसे हमदर्दी कर सकता है खासकर अगर आप बाद में माफी मांग लेते हैं। लेकिन सीमा-रेखा पार करने में हमेशा खतरा रहता है। गुस्से में फूटना आखिरकार आपके कॅरियर को ही प्रभावित करता है।

– नरेन्द्र कुमार

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