दाम्पत्य जीवन में जिस सबसे खराब बात का सामना करना पड़ सकता है, वह है साथी की बेवफाई। इसके कारण संबंध बचा रह सकता है या नहीं, यह बात दोनों व्यक्तियों पर निर्भर करती है। इस बात को न सही ठहराया जा सकता है और न ही समझा जा सकता है कि कोई शख्स अपने साथी से बेवफाई करने की जरूरत क्यों महसूस करता है, लेकिन अगर ऐसी घटना हो जाये तो उससे निपटने के तरीके हैं, दोनों ही धोखा देने व धोखा खाने वाले के लिए। बेवफाई का सामना करने का पहला कदम है स्वीकार कर लेना। यहां कुछ ऐसी बातें बतायी जा रही हैं जो आपको ध्यान में रखनी चाहिए, चाहे आप पीड़ित हों या धोखेबाज।
वार्तालाप के बिन्दु
- जब आप अपने साथी को बतायें कि आपने बेवफाई की है तो यह सुनिश्र्चित कर लें कि आप नुकसान की भरपाई करने के इरादे से ऐसा कर रहे हैं। अपने आपको अच्छेपन का अहसास दिलाने के लिए गलती कुबूल न करें। साथी को बतायें कि आप संबंध को बरकरार रखना चाहते हैं और आप सुधरने और दोबारा गलती न करने के लिए तैयार हैं।
- अपना राज गुस्से भरी प्रतिक्रिया के रूप में जाहिर न करें कि आपके साथी ने कुछ कह या कर दिया और आपने सब कुछ उगल दिया। वह स्वीकार करने की बजाय ऐसा लगेगा, जैसे आप चोट पहुंचाना चाह रहे हैं।
- आप कब बात स्वीकार करें, यह भी महत्वपूर्ण है। स्वीकार करते समय यह सुनिश्र्चित कर लें कि आपके पास पर्याप्त वक्त व स्पेस है, क्योंकि यह व्यक्तिगत मुद्दा है और इसे उचित महत्व देना चाहिए।
- अपने साथी को यकीन दिलायें कि आप उसे प्यार करते हैं। उन अच्छे पलों का जिक्र करें, जो आपने साथ गुजारे थे।
- बोलते रहें, भले ही इसमें घंटों लग जायें। कोई ऐसी बात न कहें, जिसे आप पूरा नहीं कर सकते वरना आपको बाद में अफसोस होगा।
वजह मालूम करें
- अगर आपको महसूस होता है कि आपका साथी विवाहेतर संबंध में लिप्त है तो फौरन ही उसके इरादों को मालूम करें। जवाबों के डर से सवाल करने से न डरें।
- जब आप कम्युनिकेट करें तो सीधी बात करें, शब्दों से खेलने से कुछ हासिल नहीं होगा। इधर-उधर भटकने से मुद्दा सिर्फ स्थगित होता रहेगा और असल सत्य जानने की बजाय आप बहस व अंदाजे में ही उलझे रहेंगे।
- साथी का सामना करें और उसकी आंखों में आंख डालकर बात करें। भावनाओं में न बहें और उन्हें पूरी तरह से बर्दाश्त करने का प्रयास करें।
जब एक बार यह तथ्य खुलकर सामने आ जाये कि आपका साथी आपको धोखा दे रहा है तो नतीजे बर्दाश्त करने का प्रयास करें। आप दोनों को ही तय करना होगा कि क्या किया जाना चाहिए। जब बेवफाई एक बार संबंध को नष्ट कर देती है तो यकीन न रहने की सूरत में फिर से करीब आना कठिन होता है। लेकिन कठिन होने के बावजूद यह पूर्णतः कठिन नहीं है। अगर आप फिर से साथ रहना तय करें, तो निम्न सुझावों को भी जेहन में रखें-
मरहम लगाने का समय
- उदास होने, गुस्सा या अन्य भावनाओं को निकालने के लिए अपने आपको पर्याप्त समय दें। लेकिन अगर आप वास्तव में जल्द स्थिति को सामान्य बनाना चाहते हैं तो आपको पिछली बातों में गुम रहना छोड़ना होगा और वर्तमान पर ध्यान देना होगा ताकि आपका भविष्य बेहतर हो सके।
- अपने विवाह के दोनों सकारात्मक व नकारात्मक पहलुओं पर गौर करें और यह जानने की कोशिश करें कि समस्या क्यों उत्पन्न हुई। अगर आप चाहते हैं कि संबंध कायम रहे तो पहले की तुलना में दो गुनी ऊर्जा व समर्पण लगेगा।
अगर आप भटक गये हैं
पहली बात तो यह है कि अफेयर पर विराम लगा दें। शादी और अफेयर दोनों एक साथ चलाना असंभव है, इसलिए चयन कर लें। उस नुकसान का सामना करें जो आपने अपने साथी के विश्र्वास को पहुंचाया है और अपने बच्चों के विश्र्वास को भी।
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