लंबी खामोशी के बाद एक बार फिर “लगान’ की राधा यानी ग्रेसी सिंह चर्चा में हैं। वे टीवी की दुनिया में लौट रही हैं। इसके अलावा कुछ अच्छी एवं महिला-प्रधान फिल्में करने के कारण भी उन्हें चर्चा मिल रही है। छोटे पर्दे पर उनकी यह वापसी उनके द्वारा बीच में ही छोड़े गए लोकप्रिय धारावाहिक “अमानत’ से हो रही है। वैसे भी “गंगाजल’ जैसी बड़ी एवं कामयाब फिल्में करने के बावजूद बड़े पर्दे पर हाशिये पर धकेल दी गई इस अभिनेत्री के लिए एक हद तक छोटा पर्दा ही मुफीद जगह रह गई है। हालांकि खुद ग्रेसी किसी भी सूरत में बड़े पर्दे को अलविदा कहने के मूड में नहीं हैं।
फिल्मों में उम्मीद के अनुरूप काम न मिलने पर ही टीवी पर वापस लौट रही हैं?
ऐसी बात नहीं है। फिल्मों में तो मैं आज भी सक्रिय हूँ और बहुत जल्द मेरी कुछ अच्छी फिल्में भी रिलीज होने वाली हैं। वैसे भी फिल्मों में मैं अपने मन से नहीं आई थी। मुझे बुलाया गया था। मेरा कोई फिल्मी बैकग्राउंड नहीं है, इसके बावजूद मुझे कई बड़े एवं स्थापित अभिनेताओं के साथ बड़े बैनरों की फिल्मों में काम करने का मौका मिला। मुझ जैसी आर्टिस्ट के लिए इसे छोटी कामयाबी नहीं कही जाएगी। मैं अपने फिल्मी ग्राफ से जरा भी हताश या निराश नहीं हूँ।
तो फिर टीवी पर वापसी की क्या मजबूरी हो सकती है?
किसी मजबूरी के कारण टीवी पर नहीं लौट रही हूँ, बल्कि बेहतर प्रोजेक्ट मिलने के कारण ऐसा निर्णय लिया है। वैसे, आज टीवी के दर्शक फिल्मों से ज्यादा हैं। टीवी के कलाकार फिल्म स्टारों से कहीं ज्यादा सुरक्षित एवं चर्चित भी हैं। इंद्रजीत सिंह, जिनकी फिल्म “चूड़ियां’ में मैंने हाल ही में काम किया है, ने मुझे बताया कि वे दुबारा “अमानत’ की बागडोर संभालने जा रहे हैं और उन्होंने इसका जो नया कांसेप्ट मुझे बताया, वह मुझे बेहद पसंद आया। वैसे, मैं एक बार में एक ही धारावाहिक करूंगी, बाकी समय फिल्मों को ही दूंगी।
आप मानती हैं कि आज भी आपके स्ट्रगल का दौर खत्म नहीं हुआ है?
बिल्कुल, लेकिन बतौर अभिनेत्री नहीं, इसे मैं आम इंसान के रूप में लेती हूँ, क्योंकि मेरा मानना है कि स्ट्रगल के बिना इंसान की जिंदगी कुछ भी नहीं। यही वजह है कि मैं हमेशा नॉर्मल जिंदगी जीती हूँ और जीवन के हर पल को खूबसूरत व यादगार बनाते हुए जीती हूँ। मेरे हिसाब से रील हो या रिअल, स्ट्रगल ही जिंदगी में कामयाबी का मूल मंत्र होता है।
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