व़क्त मिले तो कभी ख़त लिखना
बेपनाह-बेशुमार मुहब्बत लिखना
तेरे सिवाय नहीं कोई मेरा जहॉं में
तू भी मेरे लिए यही चाहत लिखना
फरिश्ता लिख कर मुझे ग़ैर मत बनावो
हर व़क्त, हर ख़त में मुझे दोस्त लिखना
कुछ भी लिख दो ये हक है तुझे नरेश
मगर दिल टूट जाये ऐसा मत लिखना
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