भारी मत से हरा शेर को
बिल्ली जी मुसकाई,
सब चूहों को झॉंसा देकर
प्रेस वार्ता बुलवाई।
बोली-हिंसा धर्म न मेरा
न चूहों को खाऊँगी, लेकिन इतना याद रखो तुम
जब चाहो तब आऊँगी।
अगर नहीं आ पाई तो फिर तुमको आना होगा, भूख लगेगी अगर मुझे तो भोजन मेरा बन जाना होगा।
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