पूछें एक सवाल – ओमप्रकाश उनियाल

चंदा-मामा, चंदा-मामा,

पूछें एक सवाल।

दोगे उसका ज़वाब?

तुम आधे महीने

ड्यूटी पर आते,

बाकी दिन कहॉं रहते?

देखो-देखो,

हो गयी सिट्टी-पिट्टी गुम,

लगता है नहीं दोगे

ज़वाब तुम।

नहीं दोगे ज़वाब,

तो सुनो हमारा ऐलान,

नीले आकाश और तारों से,

शिकायत करेंेगे, धरना देंगे,

भूख हड़ताल करेंगे।

फिर भी न माने तो,

तुम्हें मामा-मामा नहीं,

निकम्मा-निकम्मा कहेंगे।

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