लॉंकि आजकल संयुक्त परिवारों का चलन लगभग खत्म हो चुका है, लेकिन शादी के बाद समय-समय पर सास-ससुर से वास्ता तो पड़ता ही रहता है, खासकर शुरूआती वर्षों में। इसलिए अगर आप शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं तो इन-लॉज से संबंधित इन लॉज (नियमों) को अच्छी तरह से समझ लें, उन्हें अपने जीवन में उतार लें ताकि शादी का पहला साल, जब सास-ससुर व अन्य संबंधियों से अधिक संपर्क रहता है, लड़ाई-झगड़े में न बीते बल्कि शांति बनी रहे।
यह नुस्खे बहुत प्रभावी व कारगर हैं, जो आपके वैवाहिक जीवन की नींव बहुत मजबूत बना सकते हैं और नींव मजबूत होने पर इमारत भी बुलंद व भव्य बनती है। इसलिए सफल वैवाहिक जीवन की बुनियाद रखने के लिए –
- चीजों को समझने और उनके साथ बर्ताव का हर परिवार का एक मौलिक तरीका होता है। ऐसी स्थिति में आप समझौता भले न करें, लेकिन एक सीमा में रहते हुए एक-दूसरे की पारिवारिक परम्पराओं का सम्मान करने का वायदा जरूर करें। जब आप सास-ससुर से बेहतर तरीके से पेश आयेंगे तो एक-दूसरे से भी अच्छा बर्ताव करेंगे और एक-दूसरे का सम्मान भी करेंगे। साथ ही आपका वैवाहिक व सेक्स जीवन भी बढ़िया हो जायेगा।
- कोशिश करें (और कोशिश वास्तव में करें) कि एक-दूसरे के माता-पिता को बुरा न कहें। बात मामूली हो या गंभीर, लेकिन किसी भी सूरत में अपने जीवन साथी के परिवार वालों के बारे में कुछ न कहें। उनके संदर्भ में अपशब्द तो किसी भी कीमत पर न कहें। आपका अपना मसला है, अपने आप सुधारें, उसमें एक-दूसरे के माता-पिता को क्यों घसीटते हैं? गुस्से में बेहतर है कि अपना मुँह बंद ही रखें। अगर ऐसा मुमकिन नहीं है तो होशियारी के साथ बात करें। डिप्लोमेटिक होना अच्छे गुणों में शुमार होता है और इससे मसलों का हल भी निकल आता है।
- कभी-कभार अपनी सास को कॉल करके सलाम-दुआ या हाय-हैलो जरूर कर लें। नियम बना लें कि दो सप्ताह में एक बार या माह में एक बार आप अपनी सास को कॉल करेंगे या ई-मेल भेजेंगे ताकि उन्हें आपकी कुशलक्षेम मिलती रहे और आपके व्यक्तिगत जीवन में झॉंकने या दखल देने का उन्हें मौका न मिले।
- अपने जीवन साथी की आलोचना कभी भी ऐसे समय न करें जब उसके परिवार का कोई सदस्य सुन रहा हो।
ऐसा करने से आपके ससुराल वाले आपको शानदार व प्यारी बहू समझते रहेंगे और आप अपने पति को भी लाइन में रख सकेंगी। इसके अलावा आप बाद के झगड़े से भी बची रहेंगी।
– नीलम अरोड़ा
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