शनि ग्रह के चन्द्रमा टाइटन की ठोस सतह के नीचे महासागर हो सकता है। वैज्ञानिकों ने ऐसा दावा किया है। शोध के दौरान वैज्ञानिकों को ऐसे सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि टाइटन की सतह के नीचे जल और अमोनिया का महासागर मौजूद है। कैसिनी अंतरिक्ष यान से लिए गए आंकड़ों का विश्र्लेषण करने के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि टाइटन की सतह पर पूर्व में बनाए गये 50 अनोखे पहचान चिह्न अपनी स्थिति से 19 मील दूर तक खिसक गए। प्रमुख वैज्ञानिक राल्फ लीरेंज के अनुसार, अपने जैविक बालू के टीलों, झीलों, जलमार्गों तथा पर्वतों के कारण टाइटन सौर मण्डल में सर्वाधिक सक्रिय, विविधतापूर्ण तथा धरती की जैसी सतह वाला है। अब हम टाइटन के घूर्णन में बदलाव देख रहे हैं। इससे हमें टाइटन की सतह के भीतर झांकने की एक खिड़की मिल गई है। नासा की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रोपल्शन लेबोरेट्री के ब्रायन स्टाइल्स के अनुसार हमारा मानना है कि बर्फ तथा जैव समृद्ध सतह के करीब 62 मील नीचे अमोनिया मिश्रित तरल जल का समुद्र है। अंतरिक्ष यान कैसिनी तथा हुजिंग मिशन का प्रमुख मकसद टाइटन का अध्ययन करना था। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि टाइटन पर बहुत से ऐसे रसायन मौजूद हो सकते हैं जो धरती पर जीवन को संभव बनाने में मददगार हैं। सौर मण्डल में टाइटन ही एकमात्र ऐसा चन्द्रमा है, जिसका वायुमण्डल बेहद घना है। टाइटन का वायुमण्डल धरती के मुकाबले डेढ़ गुना सघन है। टाइटन शनि ग्रह के चन्द्रमाओं में सबसे बड़ा है।
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टाइटन के नीचे छिपा है महासागर added by सम्पादक on
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