आधुनिक युग में अधिकांश महिलाएँ कामकाजी हैं। वे पूरा दिन ऑफिस में काम करते हुए बिताती हैं। गर्भवती महिला के मामले में ऑफिस जाना जहॉं एक अलग जिम्मेदारी है, वहीं आराम करना भी जरूरी है। ऐसी कई बातें हैं, जिनके बारे में गर्भवती महिलाओं को जानना जरूरी है। जानकारी रहने पर ही सावधानी रखी जा सकती है।
ङकिसी भी आधुनिक उपकरण के पीछे ज्यादा बैठना नुकसानदायक होता है। ऐसा देखा गया है कि ज्यादा रेडिएशन टी.वी. और कम्प्यूटर के पीछे से निकलता है।
- एंटी ग्लेयर सीन का इस्तेमाल करें या फिल्टर लगाएँ।
- लगातार एक ही जगह पर बैठने से ज्यादा अच्छा है, बीच-बीच में ब्रेक लें।
- बीच में काम के दौरान हल्की एक्सरसाइज जैसे स्टेचिंग करें।
- बैठने के लिए एडजेस्टेबल चेयर का इस्तेमाल करें ताकि सीट की हाइट कम या ज्यादा की जा सके और पीठ को आराम दिया जा सके।
- अमोनिया, मरक्यूरी कंपाउंड, इथेलिन ऑक्साइड, फार्मलडियाइड जैसे केमिकल्स और गैसेस वाली जगहों पर न बैठें।
- अधिक भार ढोने वाला काम लंबे समय तक करने या देर तक खड़े रहने से समय पूर्व डिलेवरी या गर्भपात का खतरा रहता है।
- चाय, कॉफी में डालने वाली कृत्रिम शक्कर का इस्तेमाल कम करें। सबसे ज्यादा अच्छा है, ताजे फलों का रस लें।
- कॉफी और कैफेन का इस्तेमाल ज्यादा न करें, क्योंकि ये मॉं से बच्चे में जाता है। 4 या 5 से अधिक कप कॉफी से बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसे ज्यादा पीने से आपकी भूख मरती है। दूसरा इसका साइड इफेक्ट होता है, जिससे आपके शरीर में से पानी और कैल्शियम निकल जाता है। तीसरा ये आपकी नींद में बाधा पहुँचाता है। इससे लौह शरीर में संचित होने से भी बाधा पहुँचती है। इसके कारण बच्चे के दिल की धड़कन का अधिक या अनियमित होना पाया जाता है।
- धूम्रपान आपके लिए अत्यधिक हानिकारक है। स्वयं धूम्रपान न करें और धूम्रपान अपने सामने किसी अन्य को भी न करने दें। इसका सेवन करने से बच्चे के फेफड़े में विकार उत्पन्न होना देखा गया है।
- एक्स-रे से बचें। इसका विपरीत प्रभाव गर्भावस्था के प्रथम तीन महीनों में होने की आशंका होती है। जब बच्चे के अंग बन रहे होते हैं।
- ध्यान रहे, घर में सफाई करने वाले केमिकल, कीटनाशक और पेंट से दूर रहें।
- हीटिंग पैड का इस्तेमाल 15 मिनट से ज्यादा न करें।
- इलेक्टॉनिक ब्लैंकेट में न सोएं।
- माइाोवेव में देखें कि कहीं वह लीक तो नहीं कर रहा है। जब माइाोवेव काम कर रहा हो, तो उसके सामने न रहें।
- कोई भी उपकरण, जिससे शरीर का तापमान 102 डिग्री फे. से अधिक होता हो तो उससे दूर रहें।
- ऑफिस या घर में कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतु जानवर हों, तो उनका भी चेकअप करवाएँ, क्योंकि इनसे इन्फेक्शन हो सकता है जिससे गर्भपात होता है।
- मादक पदार्थों का सेवन न करें। 150-180 मि.ली. से अधिक शराब का सेवन करने से बच्चे में गंभीर बीमारियॉं देखी गयी हैं।
- आखिरी 6 महीनों में मादक पदार्थों का सेवन करने से बच्चों में रक्त-कैंसर होने का खतरा रहता है।
- मोबाइल का प्रयोग भी सावधानी पूर्वक करें। इनसे निकलने वाली रेडियो तरंग शरीर को नुकसान पहुँचा सकती है।
सावधानियॉं
आपका और बच्चे का स्वास्थ्य दुनिया के किसी भी काम से ज्यादा महत्वपूर्ण है। काम करें पर सावधानी से। काम के दौरान भी प्रसन्नचित रहें। काम करने के अतिरेक में इतना जोखिम कभी न उठायें कि जान पर बन आये।
– डॉ. शेफाली ओझा
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